G-20, सम्मेलन में भारत का खेल क्या है?
जी-20 में मुख्य मुद्दे मुख्यतः मुक्त व्यापार, आर्थिक विकास, वैश्विक अर्थव्यवस्था, ऊर्जा एवं पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, रोजगार, महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य आदि पर केंद्रित रहेंगे. इस सम्मलेन में भारत अपनी प्राथमिकताएं को रेखांकित करने से बिलकुल नहीं चूकेगा. भारत कई मुद्दों जैसे आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा, वित्तीय स्थिरता, डब्ल्यूटीओ में सुधार, खाद्यान्न सुरक्षा आदि कई क्षेत्रो में विश्व के देशों में एकमत का निर्माण करने के लिए प्रयास करेगा.
भारत अपने पुराने दोस्त रूस से 5 बिलियन अरब डॉलर की लागत से मिसाइल हमलों से रक्षा देने वाला कवच खरीद रहा है. रूस के साथ इतने भारी-भरकम सौदे से अमेरिका नाराज है. ये बैठक अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के भारत दौरे के बाद होने जा रही है. अहम् सवाल यह है कि क्या ट्रम्प और मोदी की मुलाकात के बाद ये विवादास्पद मुद्दों का समाधान निकल पायेगा.
G20’s credibility has taken a hit. It is staring at a crisis because there’s an internal rift that is too palpable. As India takes on its presidency, it has to iron out the differences and lead from the front. It has to find innovative solutions and build bridges.
India has to chalk out an agenda that has the unanimity of all the members. Internal governance reform is the need of the hour and India has to give thrust to inclusiveness and unity. This will help in thrashing out a consensus that will go a long way in setting a pragmatic, substantive agenda for the forum.Guests :- Senior Analyst Namit Verma, Sr Journalist Sanjay Kapoor, Pranay Sharma, Kallol Bhattacharya