हरियाणा 56 साल का: बुलंदियों का उत्सव और चुनौतियों की चिंता
आज हरियाणा दिवस है। पिछले 56 वर्षों में हरियाणा ने विकास की बुलंदियों को छुआ। फरीदाबाद देश में मैनचेस्टर कहलाया तो अब गुरुग्राम की साइबर हब के रूप में वैश्विक पहचान है। केएमपी के बाद दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस वे और आर्बिटल रेल कारिडोर की कनेक्टिविटी से ग्लोबल सिटी का आधार बना।
1980 के दशक में गुरुग्राम मारुति कंपनी के आने के बाद यह शहर भी अगले तीस सालों में वैश्विक स्तर पर साइबर हब के रूप में विकसित हो गया। इन दोनों शहरों से अलग दक्षिण का अहीरवाल शिक्षा और कृषि क्षेत्र से आगे बढ़ा। सिंचाई योग्य पानी की कमी के बावजूद भी अहीरवाल के रेवाड़ी, नारनौल और महेंद्रगढ़ ने विकास के नए आयाम छुए हैं। हरियाणा के सामने चुनौतियाँ किया है ?
Haryana Day is celebrated every year on November 1. On this day, in 1966, the state of Haryana was carved out of Punjab. Haryana foundation day is celebrated across the state every year to commemorate the formation of Haryana as a separate state based on language.
Haryana is known for its rich cultural diversity and it has emerged as one of the pioneers in agriculture. With 32 special economic zones, the state has become one of the most industrially developed parts of the country. Gurugram has become a leading Information Technology (IT) hub of the country. The state houses many multinational companies in manufacturing and automobile sectors. What are the challenges before Haryana today.?
Guests : Sh. S K Misra Former Pricipal Sec to Prime Minister of India, Sh. MC Gupta Former Chief Secretary Haryana, Sh Vijay Vardhan Former Chief Secretary Haryana, Sh. Dalip Singh Former State Election Commissioner Haryana