सावरकर, गांधी हत्या और इतिहास
राहुल गांधी के सावरकर के ब्रिटिश सरकार से माफ़ीनामे सार्वजनिक रूप के पढ़े जाने के बाद एक नया विवाद शुरू हो गया है. इस विवाद ने सावरकर के महात्मा गांधी की हत्या की साजिश में शामिल होने के सवाल पर एक नई बहस छेड़ दी है. साक्ष्यों के अभाव में सावरकर गांधी की हत्या के मुकदमे से तो बरी हो गए थे लेकिन 1966 में बने जस्टिस कपूर कमीशन के सामने आये नये तथ्यों ने उनके गांधी जी हत्या में शामिल होने की तरफ़ पुख्ता इशारा किया था. क्या थे वो नये सबूत, कौन थे वो गवाह को कपूर कमीशन के सामने पेश हुये लेकिन अदालत में नहीं गए थे.
‘सावरकर – काला पानी और उसके बाद’ किताब के लेखक अशोक कुमार पांडे और प्रसिद्ध इतिहासकार एस इरफान हबीब से खास चर्चा.